उत्तर प्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री सुशील कुमार अपने आप में संघर्षों की एक किताब हैं। ये उत्तर प्रदेश के प्रमुख समाजवादी नेताओं में से एक हैं। महराजगंज की मिट्टी में जन्मे सुशील कुमार वैश्य समुदाय से आते हैं।
इन्होंने अपना पूरा जीवन समाज सेवा में खपाया है। अपने पिता श्री पीतराम टिबड़ेवाल और माता श्रीमती परमावती देवी टिबड़ेवाल को अपना आदर्श मानने वाले पूर्व मंत्री सुशील कुमार महराजगंज जनपद मुख्यालय के मूल निवासी हैं।
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी की सरकार (2012-2017) में मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव जी ने इन्हें उत्तर प्रदेश आवास एवं विकास परिषद का उपाध्यक्ष बनाया था। इस दौरान इन्होंने जिले के विकास के लिए कई नये कीर्तिमान बना आम जनता का दिल जीत लिया। अपने मृदुभाषी व्यक्तित्व व साफ-सुथरी छवि के कारण ये आम जनता के दिलों में राज करते हैं।
जमीन से जुड़े व 24 घंटे जनता के बीच रहने वाले पूर्व मंत्री सुशील कुमार ने अपनी राजनीति की शुरुआत सबसे पहले पायदान ग्राम सभा के सदस्य के रुप में की थी। जिला मुख्यालय महराजगंज, पहले एक गांव चिउरहा-मऊपाकड़ के रुप में जाना जाता था। सुशील कुमार के कार्यकाल में यह ग्राम सभा बदलकर पहले टाउन एरिया फिर नगर पालिका और इसके बाद जिला मुख्यालय के रुप में परिवर्तित हुई।
इनका कार्यकाल ग्राम सभा का अंतिम बोर्ड था। तमाम सहकारी संस्थानों के पदों पर रहते हुए सुशील कुमार महराजगंज जिले में केन्द्रीय जिला उपभोक्ता सहकारी भंडार में चेयरमैन चुने गये। ये भारत सरकार के रेल, दूरसंचार व जहाज मंत्रालय के सलाहकार समिति के सदस्य भी रहे। रेलवे परामर्शदात्री समिति लखनऊ मंडल के सदस्य के रुप में इनके प्रयासों से ही रेलवे बोर्ड ने महराजगंज जिला मुख्यालय पर 2005 में रेल आरक्षण केन्द्र की स्थापना की थी।
सुशील कुमार की धर्मपत्नी श्रीमती लक्ष्मी देवी टिबड़ेवाल हैं। ये मूल रुप से देवरिया की रहने वाली हैं। इनके दो पुत्र हैं। बड़े पुत्र मनोज टिबड़ेवाल आकाश देश के जाने-माने पत्रकार हैं। ये इंडिया टूडे, जनसत्ता एक्सप्रेस औऱ दूरदर्शन न्यूज़, नई दिल्ली में लंबे समय तक काम कर चुके हैं।
मनोज वर्तमान में नई दिल्ली से संचालित मीडिया समूह डाइनामाइट न्यूज़ के संस्थापक और प्रधान संपादक हैं। छोटे पुत्र मोहित कुमार टिबड़ेवाल जिले के प्रमुख युवा व्यवसायी हैं।